दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण विवाद में नया मोड़ आया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात के बाद केदारनाथ धाम के तीर्थपुरोहितों ने अपने धरने को स्थगित कर दिया है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि ट्रस्ट ने जबरदस्ती की तो वे कोर्ट का रुख करेंगे।
दिल्ली में केदारनाथ धाम ट्रस्ट द्वारा केदारनाथ मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है, जिस पर भारी विरोध हो रहा है। केदारनाथ धाम में चार दिन से तीर्थपुरोहित धरना दे रहे थे। मुख्यमंत्री धामी को मंदिर के भूमि पूजन के लिए आमंत्रित किया गया था। पुरोहित समाज मुख्यमंत्री से मामले में हस्तक्षेप की मांग कर रहा था। उनका कहना है कि केदारनाथ धाम की महिमा को नुकसान पहुँचाने का प्रयास हो रहा है। उनका मानना है कि केदारनाथ केवल एक है और उसके नाम का दुरुपयोग करके कहीं और वैसा मंदिर नहीं बन सकता।
मुख्यमंत्री धामी ने भी स्पष्ट किया है कि दिल्ली में बनने वाले मंदिर का नाम केदारनाथ धाम नहीं होना चाहिए। केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी के साथ उनकी विस्तृत वार्ता हुई। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि प्रस्तावित मंदिर निर्माण में सरकार की कोई भूमिका नहीं है और यह ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। पुरोहितों के अनुसार, ट्रस्ट केदारनाथ धाम का नाम प्रयोग न करने के लिए सहमत हो गया है। इसके बाद तीर्थपुरोहितों ने धरना फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया है, लेकिन चेतावनी दी है कि अगर ट्रस्ट ने मनमानी की तो वे कोर्ट जाएंगे।
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