Uttarakhand: उत्तराखंड में असुरक्षित महिलाएं,क्यों बढ़ने लगा महिला अपराध का ग्राफ?|उत्तराखंड जिसे बनाने में महिलाओं की अहम भूमिका रही है और जिसे देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है. यहां महिलाओं और कन्याओं को देवी के रूप में पूजा जाता है लेकिन आज इसी प्रदेश में महिला अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है. महिलाओं के साथ छेड़खानी और रेप की खबरें आए दिन सामने आ रही है. जोकि चिंता का विषय बनती जा रही है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड दुष्कर्म के मामलों में 9 पहाड़ी राज्यों में टाप पर है. साल 2022 में प्रदेश में महिला अपराध का ग्राफ 2021 के मुकाबले 26% बढ़ा है. 2021 में महिला अपराध के 3431 मामले सामने आए जबकि 2022 में ये बढ़कर 4337 पहुंचा है.वैसे तो हर दिन महिला अपराध की खबरें सामने आती है इनमें से कुछ घटानाये महिला अपराध के बढ़ रहे ग्राफ की ओर इशारा कर रहे है.
रुद्रपुर की नर्स के साथ रेप और हत्या का मामला
सितारगंज में चार साल की बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म का प्रयास
देहरादून आईएसबीटी में बस में नाबालिग से रेप, स्टेशन पर बदहवास मिली बच्ची
लालकुआं में विधवा के साथ दुष्कर्म करने का आरोप
ऊधमसिंह नगर में 5 से 8 साल की कई बच्चियों के साथ मौलवी ने किया रेप
पिथौरागढ़ में 80 साल की बुजुर्ग महिला से दुष्कर्म का मामला
सल्ट में बीजेपी के मंडल अध्यक्ष भगवत बोरा पर नाबालिग से छेड़खानी का आरोप
चमोली नंदानगर में नाबालिग से छेड़छाड़ का मामला
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ये तमाम घटनाएं बताती है कि आज उत्तराखंड में भी महिलाएं असुरक्षित है. ना केवल शहर बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों से भी इस तरहा की घटनाएं सामने आ रही है. अब ऐसे में सवाल उठता है कि महिला प्रधान प्रदेस में महिलाएं असुरक्षित क्यों ?
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